रेलवे के रिटायर्ड कर्मचारी ने पाकिस्तान के नागरिक की शत्रु संपत्ति फ़र्ज़ी दस्तावेज़ बना कर बेच लाखों का घोटाला किया
- Muneer Khan
- Feb 24
- 2 min read
Updated: Feb 28

बरेली के पुराना शहर में रेलवे के एक रिटायर्ड कर्मचारी द्वारा जाली दस्तावेज़ तैयार करा कर शत्रु संपत्ति बेचने का मामला सामने आया जिस जालसाज़ी में रेलवे के रिटायर्ड कर्मचारी चंदा मियाँ और उनके परिवार के सदस्य भी शामिल हैं ।
पुराना शहर में शत्रु संपत्ति के जाली दस्तावेज़ तैयार कर उसको बेचने का मामला सामने आया है । रेलवे के रिटायर्ड कर्मचारी चंदा मियाँ ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ मिल कर संपत्ति के फ़र्ज़ी दस्तावेज़ तैयार करवाये और संपत्ति बीच दी । जिसकी शिकायत पीड़ित ने पुलिस में की । पीड़ित की शिकायत पर बारादरी पुलिस ने चंदा मियाँ के ख़िलाफ़ ऐफ़आईआर दर्ज कर मामले के जाँच शुरू कर दी है ।
सिविल लाईनस स्थित श्री जी टावर के निवासी राकेश सक्सेना ने बताया की बारादरी क्षेत्र के शाहदाना स्थित मकान नंबर 254 के मालिक सुल्तान अहमद के तीन बेटे थे -चंदा मियाँ, फ़िरोज़ असलम । संपत्ति के बँटवारे के दौरान असलम ने पाकिस्तान की नागरिकता ले ली। हिंदुस्तान के क़ानून के अनुसार जो व्यक्ति पाकिस्तान जा कर बस जाता है उसकी संपत्ति शत्रु संपत्ति मानी जाती है । चंदा मियाँ ने हिंदुस्तान के क़ानून का उल्लंघन करते हुए फ़र्ज़ी हिबेनामा किया और शत्रु संपत्ति ( असलम की संपत्ति ) को 4अक्तूबर 2024 को रजिस्टर्ड एग्रीमेंट के ज़रिये बेंच दिया
असलम के पाकिस्तान जा कर पाकिस्तान की नागरिकता लेने के बाद असलम को हिंदुस्तान में किसी भी संपत्ति को बेचने या दान करने का कोई अधिकार नहीं रहा ये सब जानते हुए चंदा मियाँ ने जान बुझ कर शत्रु संपत्ति के फ़र्ज़ी दस्तावेज़ तैयार कराये और शत्रु संपत्ति बीच दी । आईजी रेंज डॉ राकेश सिंह से शिकायत के बाद एसएसपी ने मामले की जाँच के आदेश दिये जाँच में पाया गया की चंदा मियाँ ने परिवार के सदस्यों के साथ मिल कर इस ग़ैर क़ानूनी काम को अंजाम दिया ।








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