
बिना नमाज ए जनाजा दफनाई गई इल्म, हिंदू प्रेम विवाह बनी आखिरी ख्वाहिश मे रुकावट बिना नमाज ए जनाजा हुई दफन
- Muneer Khan
- Jun 5
- 2 min read
बिना नमाज ए जनाजा दफनाई गई इल्म, हिंदू प्रेम विवाह बनी आखिरी ख्वाहिश मे रुकावट बिना नमाज ए जनाजा हुई दफन

बरेली मे इल्मा ने हिन्दू रीति रिवाज से प्रेम विवाह किया था लेकिन उसकी आखिरी ख्वाहिश थी कि उसे इस्लामी रवायत के मुताबिक दफनाया जाए ।इल्मा की मौत के इस्लामी रवायत के मुताबिक दफनाया जाए ।इल्मा की मौत के बाद उल्ला ने जनाजे की नमाज पडाने से मना कर दिया। जिससे उसकी ख्वाहिश अधूरी रह गई। बरेली मे गैर मुस्लिम परिवार मे शादी के वावजूद इल्ला की ख्वाहिश थी कि मौत के बाद उसे इस्लामी रवायत के मुताबिक दफनाया जाए लेकिन यह ख्वाहिश पूरी नही हो स्की। दूसरे मजहब मे शादी करने की वजह से उलमा ने जनाजे की नमाज पडाने से मना कर दिया विरोध के बीच पुलिस हस्तक्षेप से उसे दफन किया जा सका । बरेली मे यह अपनी तरह का पहला मामला बताया जा रहा है जानकारी के मुताबिक बरेली थाना किला जखीरा निवासी इल्मा ने दो साल पहले चाहवाई निवासी राहुल से प्रेम विवाह किया था कुछ दिनो से वह बीमार थी 31 मई को उसकी मौत हो गई। बेटी की पुर्व मे बताई गई ख्वाहिश के मुताबिक पिता उसके जनाजे को अपने घर ले आए। रविवार दोपहर मे उसे एक मस्जिद मे नमाज ए जनाजा पडाने ले गए तो इमाम ने इंकार कर दिया दरगाह सुत्रो के मुताबिक मामला दरगाह के उल्मा तक पहुचा उन्होने भी मना कर दिया तो इल्मा के परिजन जनाजे की नमाज पडाए बिना ही उसे बाकरगंज स्थित कब्रिस्तान ले गए।। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद शव दफनाया जा सका। पुलिस के मुताबिक इल्मा का पति राहुल और अन्य ससुराल वाले जनाजे मे शामिल रहे। बरेली मरकज के मुफ्ती साहब बोले इस्लाम से वह खारिज हो गई ।मुफ्ती खुर्शीद आलम का कहना है कि जब लडकी ने दुसरे मजहव के रीति रिवाज से शादी की तभी इस्लामी एतवार से वह खारिज हो गई ऐसे मे इस्लाम के मुताबिक नमाज ए जनाजा नही पडाई जा सकती है








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